मैंने मांगी है दूवाँ,
तेरे खैरियत की,
खुश रहे तू सदा,
खुश ही रहने की.
तूने जो अंजाम दिया,
उस में ना जल जाने की.
मेरा जो है यहाँ,
तुझ को मिल जाने की.
दर्द-ऐ-एहसास नहीं,
ये सिला भी भूल जाने की.
"पाशा" अब बीत गये,
दिल सुहाने दिन होने की.
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enthusism