किस तरह मै तुझे बताऊ,
चाहतो का सिलसिला आ बताऊ.
एक नज़र ही है ये जान लो,
उम्र भर अश्क का काफिला बताऊ.
सदा तो आती रहेगी चारसू,
दिल पर गुजरी घटाये बताऊ.
बरसी जो है आँख-ऐ-सौगाते,
चश्म-ऐ-बरसात को बताऊ.
हर समय की वो हिदायते,
या ये उनका है इलज़ाम बताऊ.
रफ़ाक़त के ना काबिल ही समझा,
अपने दिल की उलझन को बताऊ.
दिल को पर दुनिया से छुपाना,
और "पाशा" अपनो का भरम बताऊ.
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