हैरत में हूँ मैं पड़ा,
क्यु तुझसे हूँ जुदा.
अब दुरी जिंदगी भर की,
किस उलझन में हूँ खड़ा.
ये रास्ते कट ही जायेंगे,
ग़मगीन ख़ुशी में सदा.
दस्तूर-ऐ-दुनिया है तू,
नाउम्मीदों में मैं डूबा.
क्यु तुझसे हूँ जुदा.
अब दुरी जिंदगी भर की,
किस उलझन में हूँ खड़ा.
ये रास्ते कट ही जायेंगे,
ग़मगीन ख़ुशी में सदा.
दस्तूर-ऐ-दुनिया है तू,
नाउम्मीदों में मैं डूबा.
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