खामोश क्यों खड़ा है,
यु अनजान बात कर,
मर जाएगा वरना,
मेरी मान बात कर.
किसने कहा के बात का,
मतलब भी हो कोई,
इस दौर की यही तो,
है पहचान बात कर.
चुपचाप हार मानना,
मनसब नहीं तेरा,
कुछ शान के नहीं है,
ये शायान बात कर.
क्यु आँख तेरी नम है,
तेरी अपनी हँसी पर,
दिल किसने कर दिया,
तेरा वीरान बात कर.
मेहरबान है खिजा तो,
बहारों का जिक्र ला,
बतला तो क्या है "पाशा"
फूल का फरमान बात कर.
bandhu kya bat hai. bat kar.. wah wah
ReplyDeletemai samjhataa huu sab se khubsurati se piroyaa baat hai chuppi lekin man ko khubb samjhayaa hai
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