मौसम आयेंगे जायेंगे,
हम तुम को भूल ना पायेंगे.
जाड़ो की बहार जब आएँगी,
धूप आँगन में लहरायेंगी,
गुल दोपहर मुस्कायेंगे,
हम तुम को भूल ना पायेंगे.
शाम आ के चराग जलाएँगी,
जब रात बड़ी हो जायेंगी,
और दिन छोटे हो जायेंगे,
हम तुम को भूल ना पायेंगे.
जब गर्मी के दिन आयेंगे,
तपती दोपहरे लायेंगे,
सन्नाटे शोर मचाएंगे,
गल्ली में धूल उड़ायेंगे,
पत्ते पीले हो जायेंगे,
जब फूल सभी मुरझायेंगे,
हम तुम को भूल ना पायेंगे.
जब बरखा की रूत आएँगी,
हरयाली साथ में लायेंगी,
जब काली बदली छायेंगी,
इक याद हमें तडपायेगी,
दो नैना नीर बहायेंगी,
हम तुम को भूल न पायेंगे,
मौसम आयेंगे जायेंगे,
हम तुम को भूल ना पायेंगे.
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