दयार-ए-गैर में कैसे,
तुझे सदा देते,
तू मिल भी जाता तो,
तुझे गवां देते.
तुम्ही ने हम को सुनाया,
ना अपना दुःख वरना,
दुवा वो करते के,
हम आसमा को हिला देते.
हम में ये जोम रहा,
की अब के वो पुकारेंगे,
उन्हें ये जिद थी के,
हर बार हम सदा देते.
वो तेरा गम था,
की तासीर मेरे लहजे की,
के जिसको हाल सुनाते,
उसे रुला देते.
तुम्हे भुलाना ही अव्वल,
तो दसतारस में नही,
जो इक्तियार में भी होता,
तो क्या भुला देते.
तुम्हारी याद ने,
कोई जवाब ही ना दिया,
मेरे ख़याल के आसूं,
रहे सदा देते.
कानो को मै ता-उम्र,
कोसता शायद,
वो कुछ ना कहते "पाशा"
मगर होटों को हिला देते.
kitnaa dard hai line mai kai sochate hoge, baat main taarif hai buraai
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