ज़िंदगी से यही गिला है मुझे,
तू बहोत देर से मिला है मुझे.
हमसफ़र चाहिए हुज्जूम नहीं,
इक मुसाफिर भी काफिला है मुझे.
दिल धड़कता नहीं सुलगता है,
वो जो ख्वाहिश थी आ बला है मुझे.
लब खुशाहू तो इस यकीन से,
क़त्ल होने का हौसला है मुझे.
कौन जाने के चाहतों में, 'पाशा'
क्या गवाया है क्या मिला है मुझे.
Badhiya
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